Ek briksh ki htya subjective question एक वृक्ष की हत्या

 Ek briksh ki htya subjective एक वृक्ष की हत्या सब्जेक्टिव

इस लेख में Ek briksh ki htya ka subjective question - एक वृक्ष की हत्या का सब्जेक्टिव क्वेश्चन दिया गया है। 

अगर आप कक्षा - 10 ( Class 10th ) में है और बिहार बोर्ड परीक्षा में शामिल होने वाले हैं तो इस लेख को ध्यानपूर्वक अवश्य पढ़ें। 

क्योंकि इस लेख में कक्षा दसवीं हिंदी गोधूली भाग 2 के काव्यखण्ड पाठ - 8 Ek vriksh ki hatya question answer - एक वृक्ष की हत्या क्वेश्चन आंसर दिया गया है। जो आपके बोर्ड परीक्षा में पूछे जा सकते है तो अपने तैयारी को बेहतर बनाने के लिए नीचे दिए गए सभी प्रश्नों को अवश्य पढ़ें।

Bihar board class 10th hindi subjective question, High Target Hindi 

Ek briksh ki htya subjective question
Ek briksh ki htya question answer


1. कवि को वृक्ष बुढ़ा चौकीदार क्यों लगता था ? 

उत्तर: बहुत पुराने होने की वजह से एवं मटमैले छाल जो खाकी बर्दी की तरह लग रहे थे, उसके कारण कवि ने वृक्ष को बुढ़ा चौकीदार लगता है।

2. वृक्ष और कवि मे क्या संवाद होता था? 

उत्तर: प्रकृति का मानवीकरण करते हुए कवि ने उसके साथ संवाद किया है - छक्ष कवि से पूछता- कौन? कवि जवाब देता - दोस्त।

3. कविता का समापन करते हुए कवि अपने किन अंदेशों का जिक्र करता है और क्यों ?

उत्तर: कविता का समापन करते हुए कवि ने अपने निम्नलिखित अंदेशों का जिक्र करता है- “घर के लुटेरों का,  शहर के नदियों का, देश के दुश्मनों का देश पर हावी हो जाने का। साथ ही नदियों को नाला होने का, हवा को धुआं होने का, खाने को जहर हो जाने का, जंगल को मरुस्थल हो जाने का और मनुष्य हो जंगल हो जाने का भी कवि ने अंदेशा किया है। "क्योंकि वृक्षों की अंधाधुंन कटाई चल रही है।

4. घर, शहर और देश के बाद कवि किन चीजों को बचाने की बात करता है और क्यों ?

उत्तर: घर, शहर और देश के बाद कवि 'वृक्ष, पानी और खानों को बचाने की बात करता है क्योंकि वृक्ष, पानी और खाना के बीना मानव जीवन की कल्पना असंभव है।

5. कविता की प्रासंगिकता पर विचार करते हुए एक टिप्पणी लिखे।

उत्तर: एसे वक्त मे जब शहरों का अंधाधुन विस्तार हो रहा हो, गाँव सिमट रहा हो। जंगलों की कटाई हो, नदियाँ प्रदूषित हो रही हो तब यह कविता अत्यंत ही प्रासंगिक हो जाती है। क्योंकि यह कविता वृक्ष के महत्व को रेखांकित करते हुए उसे बचाने की बात करती है।

6. व्याख्या करें -
(क) दूर से ही ललकारता, कौन ? मैं जवाब देता, ‘दोस्त !’ की व्याख्या कीजिए।

उत्तर: प्रस्तुत पंक्ति हमारी हिंदी पाठ्यपुस्तिका गोधूलि, भाग - 2 के पाठ - 8 " एक वृक्ष की हत्या " से लिया गया है। जिसके कवि 'कुंवर नारायण सिंह ' जी है।

प्रस्तुत वाक्यांस में कवि कहता है कि जब मैं अपने घर लौटा तो पाया कि मेरे घर के आगे प्रहरी के रूप में खड़े वृक्ष को काट दिया गया है। उसे याद करते हुए कवि कहते हैं कि वह घर के सामने अहर्निश खड़ा रहता था मानो वह गृहरक्षक हो । जब मैं बाहर से लौटता था उसे दूर से देखता था और मुझे प्रतीत होता था कि वृक्ष मुझसे पूछ रहा है कि तुम कौन हो ? तब मैं बोल पड़ता था कि मैं तुम्हारा मित्र हूँ। यहाँ वृक्ष और मनुष्य की संगति का बखान किया गया है।

(ख) 'बचाना है जंगल को मरुस्थल हो जाने से, बचाना है मनुष्य को जंगली हो जाने से’ की व्याख्या कीजिए ।

उत्तर: प्रस्तुत पंक्ति हमारी हिंदी पाठ्यपुस्तिका गोधूलि, भाग - 2 के पाठ - 8 " एक वृक्ष की हत्या " से लिया गया है। जिसके कवि 'कुंवर नारायण सिंह ' जी है।
 इसमें कवि भविष्य में आने वाले प्राकृतिक संकट, मानवीयता पर खतरा  एवं ह्रास होते सभ्यता की ओर ध्यानाकर्षण कराते हुए भावी आशंका को व्यक्त किया है।

प्रस्तुत काव्यांश में कवि ने कहा है कि अगर हम इस अंधाधुंध विकास के क्रम में विवेक से काम नहीं लेंगे तो वृक्ष कटते रहेंगे और भविष्य में जंगल मरुस्थल का रूप ले लेगा। साथ ही मानवता की सभ्यता की रक्षा के प्रति सचेत नहीं होंगे तो मानव भी जंगल का रूप ले सकता है। मानवीयता पशुता में परिवर्तित हो सकता है। मानव दानवी प्रवृत्ति अपनाता दिख रहा है और इस बढ़ते प्रवृत्ति को रोकना आवश्यक होगा। अर्थात् कवि मानवीयता स्थापित करने हेतु चिंतनशील है, सभ्यता की सुरक्षा हेतु पर्यावरण-संरक्षण के लिए सजग होने की शिक्षा दे रहे हैं।

7. कविता में शीर्षक की सार्थकता पर विचार करे।

उत्तर: वृक्ष जीवन रक्षक होता है। ऐसी स्थिति मे उसकी अंधाधुन कटाई से संपूर्ण जलवायु पर प्रतिष असर पड़ता है। कवि इस कविता के माध्यम से उसके प्रति हमे जागरूक करना चाहता है। उसके इस उद्देश्य की पूर्ति मे यह शीर्षक अत्यंत ही सार्थक है।

8. इस कविता मे एक रुपक की रचना हुई है। रुपक क्या है और यहाँ उसका क्या स्वरूप है? स्पष्ट करे।

उत्तर: इस कविता में एक वृक्ष को  एक बूढ़ा चौकीदार के रूप मे चित्रित करके कवि ने एक रूपक की रचना की है। और वह रूपक एक वृक्ष है और यहां उसका स्वरूप एक चौकीदार का है। 

9. निम्नलिखित पंक्तियों का भाव सौंदर्य स्पष्ट करे-
“धूप में वारिश में; गर्मी में सर्दी में
हमेशा चौकन्ना; अपनी खाकी वर्दी में”

उत्तर: कवि ने इन पंक्तियों में एक बूढ़ा वृक्ष को युगों-युगों का प्रहरी मानते हुए सभ्यता-संस्कृति की रक्षा हेतु मानव को जगाने का प्रयास किया है। कवि की कल्पना ने वृक्ष को अभिभावक, चौकीदार, पहरुआ के रूप में चित्रित कर मानवीयता प्रदान किया है। इसमें वृक्ष की चेतनता, कर्तव्यनिष्ठता एवं आत्मीयता दर्शाई गई है।

Class 10th hindi subjective question 2023, High Target 2023

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